आज हम आपके लिए मशहूर शायरों के चुनिंदा शेर लेकर आए हैं. जिंदगी का कोई भी विमर्श या विषय हो, शायरी सभी से संवाद करती है.
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जो तूफानों में पलते जा रहे हैं वही दुनिया बदलते जा रहे हैं. हमको मिटा सके ये जमाने में दम नहीं हमसे जमाना खुद है जमाने से हम नहीं. (जिगर मुरादाबादी)
हजार बर्क गिरे लाख आंधियां उठें वो फूल खिलके रहेंगे जो खिलने वाले हैं. (साहिर लुधियानवी)
अब हवाएं ही करेंगी रौशनी का फैसला जिस दिए में जान होगी वो दिया रह जाएगा. (महशर बदायूंनी)
हार हो जाती है जब मान लिया जाता है जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है. (शकील आजमी)
वाकिफ कहां जमाना हमारी उड़ान से वो और थे जो हार गए आसमान से. (फहीम जोगापुरी)
कैसे आकाश में सूराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबीअत से उछालो यारो. (दुष्यंत कुमार)
सियाह रात नहीं लेती नाम ढलने का यही तो वक्त है सूरज तेरे निकलने का. (शहरयार)
वक्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमां हम अभी से क्यूं बताएं क्या हमारे दिल में है. (बिस्मिल अजीमाबादी)