परेशानी में हजारों भारतीय परिवार
भारत और कनाडा के बीच उपजे विवाद से कनाडा में रहने वाले भारतीय परिवार परेशान हैं. उन्हें डर है कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते के कारण भविष्य में विजिटर और स्टडी वीजा मिलने में देरी हो सकती है और भारतीय छात्रों के लिए वीजा की सीमा भी तय कर दी जाए.
बड़ी संख्या में भारतीय छात्र कनाडा के शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ते हैं और ट्यूशन फीस के रूप में अरबों डॉलर देते हैं. कैनेडियन ब्यूरो ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन के अनुसार, भारतीय छात्रों ने साल 2021 के दौरान कनाडाई अर्थव्यवस्था में 4.9 अरब डॉलर से अधिक का योगदान दिया.
भारत और कनाडा के बीच उपजे विवाद के बाद यहां रहने वाले वो भारतीय परेशान हैं. जिनके परिवार के बच्चे या तो वहां पढ़ रहे हैं या कोई बिजनेस कर रहे हैं. हर साल हजारों लोग भारत से कनाडा जाते हैं.
आईआरसीसी के आंकड़ों के अनुसार, कनाडा में करीब 40 प्रतिशत छात्र भारतीय हैं. 31 दिसंबर, 2022 तक वैध स्टडी वीजा वाले कुल 8,07,750 अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 3,19,130 भारतीय थे.
कनाडाई ब्यूरो ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन के अनुसार, भारतीय छात्रों ने साल 2021 के दौरान कनाडाई अर्थव्यवस्था में 4.9 बिलियन डॉलर से ज्यादा का योगदान दिया.
यह है पूरा विवाद... कनाडा पीएम ट्रूडो ने कनाडा की संसद में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारत की संलिप्तता की बात कही थी.
उन्होंने कहा था कि कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार और कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच की कड़ी के आरोपों की सक्रियता से जांच कर रही हैं. कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है. यह अस्वीकार्य है.
ट्रूडो के इस बयान के बाद कनाडा सरकार ने भारत के एक शीर्ष राजनयिक को निष्कासित करने की घोषणा कर दी. कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 'हम भारत के एक प्रमुख राजनयिक को निष्कासित कर रहे हैं, लेकिन हम इस मामले की तह तक जाएंगे, अगर यह सब सच साबित हुआ तो यह हमारी संप्रभुता और एक-दूसरे का सम्मान करने के बुनियादी नियम का उल्लंघन होगा.'