25 Jan, 2023 By: Aajtak.in

मौत का दूसरा नाम हैं गरुण कमांडोज! जानें इनकी खूबियां 

Garud Commando Force

गरुड़ कमांडो इंडियन एयरफोर्स की स्पेशल घातक फोर्स है. ये रात में हवा और पानी में हमले के लिए एक्सपर्ट होते हैं. पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में दिखेंगे. 

इनका मुख्य काम एयर असॉल्ट, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, क्लोज प्रोटेक्शन, सर्च एंड रेसक्यू, आतंकरोधी अभियान, डायरेक्ट एक्शन, एयरफील्ड्स की सुरक्षा आदि है. 

भारत में जितने भी कमांडो फोर्स हैं, उनमें सबसे ज्यादा लंबी ट्रेनिंग इनकी होती है. ये 72 हफ्तों की ट्रेनिंग करते हैं. हवाई हमले के लिए अलग से ट्रेनिंग दी जाती है. 

फिलहाल फोर्स में 1780 गरुड़ कमांडो हैं. इस समय आतंकवाद के खात्मे और सरहद पर दुश्मनों से मुकाबले के लिए गरुड़ कमांडो को नई ट्रेनिंग भी दी जा रही है. 

3 साल की ट्रेनिंग के बाद ही पूरी तरह ऑपरेशनल गरुण कमांडो बनता है. ट्रेनिंग इतनी सख्त है कि 30 फीसदी ट्रेनी शुरुआती 3 महीनों में ही ट्रेनिंग छोड़ देते हैं. 

गरुड़ कमांडो दुश्मन के बीच पहुंचकर चारों तरफ से दुश्मन से मुकाबला करते हैं. गरुड़ कमांडो कई तरह के हथियार चलाने में माहिर होते हैं. 

इनमें एके 47, आधुनिक एके-103, तवोर असाल्ट राइफल, आधुनिक निगेव LMG और एक किलोमीटर तक दुश्मन का सफाया करने वाली गलील स्नाइपर शामिल हैं. 

गरुण कमांडो कितने घातक होते हैं? किन बड़े मौकों पर इन कमांडोज ने दुश्मनों का सफाया कर दिया? विस्तार से जानने के लिए नीचे क्लिक करें.

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