5 April, 2022

पति-बेटे को खोकर भी नहीं डिगा हौसला! देखें द्रौपदी मुर्मू का सफर

द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं. वह पहली आदिवासी महिला राज्यपाल भी रही हैं.

Pic Credit: urf7i/instagram

मुर्मू ओडिशा से राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी शख्स हैं. ओडिशा से वीवी गिरी भी राष्ट्रपति रह चुके हैं.

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द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था. 

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मुर्मू आदिवासी संथाल परिवार से ताल्लुक रखती हैं. मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ था. 

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उनके दो बेटे और एक बेटी हुई. लेकिन कुछ वक्त बाद ही पति और दोनों बेटों को खो दिया. 

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मुर्मू ने एक टीचर के रूप में करियर शुरू किया. बाद में क्लर्क के तौर पर भी नौकरी की. 

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नौकरी से मिलने वाले वेतन से घर खर्च चलाया और बेटी इति मुर्मू को पढ़ाया-लिखाया. 

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मुर्मू ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में जीत से राजनीतिक जीवन शुरू किया. 

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वह भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष रहीं. आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रहीं.

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मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज जिले की रायरंगपुर सीट से 2000 और 2009 में बीजेपी के टिकट पर दो बार विधायक बनीं. 

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उन्हें ओडिशा विधानसभा ने 2007 सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया था.

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मुर्मू 2000 और 2004 के बीच ओडिशा सरकार में मंत्री भी बनीं. 2015 में झारखंड की 9वीं राज्यपाल बनाई गईं.

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