यूपी के अमरोहा में पैदा हुए और विभाजन के बाद पाकिस्तान में जा बसे जौन एलिया इंटरनेट पर मौजूद पीढ़ी के बीच काफी फेमस हैं.
यूं जो तकता है आसमान को तू कोई रहता है आसमान में क्या ये मुझे चैन क्यों नहीं पड़ता एक ही शख्स था जहान में क्या.
हमारी ही तमन्ना क्यों करो तुम तुम्हारी ही तमन्ना क्यों करें हम उठाकर क्यों न फेंकें सारी चीजें फकत कमरों में टहला क्यों करें हम.
कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे यारो कुछ तो जिक्र करो तुम उसकी कयामत बांहों का वो जो सिमटते होंगे उनमें वो तो मर जाते होंगे.
ठीक है खुद को हम बदलते हैं शुक्रिया मश्वरत का चलते हैं है अजब फैसले का सहरा भी चल न पड़िए तो पांव जलते हैं.
अपने सब यार काम कर रहे हैं और हम हैं कि नाम कर रहे हैं हम अजब हैं कि उसके कूचे में बे-सबब धूमधाम कर रहे हैं.
सोचता हूं कि उसकी याद आखिर अब किसे रातभर जगाती है क्या सितम है कि अब तेरी सूरत गौर करने पे याद आती है.
रूह प्यासी कहां से आती है ये उदासी कहां से आती है तू है पहलू में फिर तेरी खुशबू हो के बासी कहां से आती है.
है खुदा भी अजीब यानी जो न जमीनी न आसमानी है रंग की अपनी बात है वर्ना आखिरश खून भी तो पानी है.