उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की घटनाओं से हड़कंप और भय का माहौल है.
हर तरफ जमीन फट रही है. सैकड़ों घरों में दरारें आ चुकी हैं और जोशीमठ के लोग डरे हुए हैं.
एक्सपर्ट्स ने जोशीमठ त्रासदी की वजह बताई है. उनके मुताबिक, यहां सतह में चट्टान कम और मिट्टी ज्यादा है.
खराब पानी और सीवर प्रबंधन की वजह से होने वाले पानी के रिसाव के कारण जोशीमठ की नींव कमजोर हो गई है.
भू-धंसाव और पानी के रिसाव को देखते हुए सरकार ने स्थानीय लोगों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि जोशीमठ में कुल 678 परिवार प्रभावित है. जिनमें 81 ज्यादा प्रभावित हैं.
ज्यादा प्रभावित लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है. प्रभावितों के लिए पुनर्वास को लेकर पीएम मोदी मोदी से बात की गई है.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, हमारे पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है. हमारी पहली प्राथमिकता राज्य और राज्य के लोगों को बचाना है.
सीएम धामी ने बताया कि राज्य सरकार इसकी मॉनिटरिंग कर रही है और सभी अधिकारी, विशेषज्ञ काम कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोशीमठ के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर जानकारी ली है.
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली में जोशीमठ से शुरू हुआ भू-धंसाव अब कर्णप्रयाग तक पहुंच गया है.
घरों के दरकने के बाद इलाके के पीड़ितों ने प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है.