16 May 2024
By अतुल कुशवाह
हसरत जयपुरी का मूल नाम इकबाल हुसैन था. उनका जन्म 15 अप्रैल 1922 को राजस्थान के जयपुर में हुआ था. उन्होंने तीन दशक के करियर में सैकड़ों फिल्मों के लिए गाने लिखे.
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मोहब्बत ऐसी धड़कन है जो समझाई नहीं जाती जबां पर दिल की बेचैनी कभी लाई नहीं जाती चले आओ चले आओ तकाजा है निगाहों का किसी की आरज़ू ऐसे तो ठुकराई नहीं जाती.
मैंने क्या जुर्म किया आप खफा हो बैठे प्यार मांगा था खुदाई तो नहीं मांगी थी मेरा हक था तेरी आंखों की छलकती मय पर चीज अपनी थी पराई तो नहीं मांगी थी.
मैं उसकी आंखों से छलकी शराब पीता हूं गरीब हो के भी महंगी शराब पीता हूं उसे भी देखूं तो पहचानने में देर लगे कभी कभी तो मैं इतनी शराब पीता हूं.
हम छोड़ चले हैं महफिल को याद आए कभी तो मत रोना, इस दिल को तसल्ली दे देना घबराए कभी तो मत रोना इक ख्वाब सा देखा था हमने जब आंख खुली वो टूट गया, ये प्यार अगर सपना बनकर तड़पाए कभी तो मत रोना.
उनके खयाल आए तो आते चले गए दीवाना जिंदगी को बनाते चले गए जो सांस आ रही है उसी का पयाम है बेताबियों को और बढ़ाते चले गए.
इस रंग बदलती दुनिया में इंसान की नीयत ठीक नहीं, निकला न करो तुम सज धज कर ईमान की नीयत ठीक नहीं कांधे से हटा लो सर अपना ये प्यार मोहब्बत रहने दो, कश्ती को संभालो मौजों में तूफान की नीयत ठीक नहीं.
छलके तेरी आंखों से शराब और ज्यादा खिलते रहें होंठों के गुलाब और ज्यादा क्या बात है जाने तिरी महफिल में सितमगर धड़के है दिले खाना खराब और ज्यादा.
आए बहार बन के लुभा कर चले गए क्या राज था जो दिल में छुपाकर चले गए इतना मुझे बताओ मिरे दिल की धड़कनों वो कौन थे जो ख्वाब दिखाकर चले गए.