वैसे दिल में क्या क्या चलता रहता है... शायर अजहर इकबाल के चुनिंदा शेर

5 Apr 2024

By अतुल कुशवाह

अजहर इकबाल का जन्म 28 नवंबर 1978 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था. वे नई पीढ़ी के बीच काफी मशहूर हैं. उनके शेर सोशल मीडिया में खूब वायरल होते रहते हैं. 

शायर अजहर इकबाल

Photo: Facebook/Pexels

जमीने दिल इक अर्से बाद जल थल हो रही है कोई बारिश मेरे अंदर मुसलसल हो रही है लहू का रंग फैला है हमारे कैनवस पर तेरी तस्वीर अब जाकर मुकम्मल हो रही है.

ये कैफियत है मेरी जान अब तुम्हें खोकर कि हमने खुद को भी पाया नहीं बहुत दिन से ये खौफ है कि रगों में लहू न जम जाए तुम्हें गले से लगाया नहीं बहुत दिन से.

तुम्हारी याद के दीपक भी अब जलाना क्या जुदा हुए हैं तो अहदे वफा निभाना क्या वो चांद और किसी आसमां पे रोशन है सियाह रात है उसकी गली में जाना क्या.

मुझ को वहशत हुई मेरे घर से रात तेरी जुदाई के डर से एक मुद्दत से हैं सफर में हम घर में रहकर भी जैसे बेघर से.

वो माहताब अभी बाम पर नहीं आया मेरी दुआओं में शायद असर नहीं आया बहुत अजीब है यारों बुलंदियों का तिलिस्म जो एक बार गया लौटकर नहीं आया.

दिल की गली में चांद निकलता रहता है एक दिया उम्मीद का जलता रहता है तुम जो गए तो भूल गए सारी बातें वैसे दिल में क्या क्या चलता रहता है.

गुलाब चांदनी रातों पे वार आए हम तुम्हारे होंठों का सदका उतार आए हम फिर उस गली से गुजरना पड़ा तेरी खातिर फिर उस गली से बहुत बेकरार आए हम.

घुटन सी होने लगी उसके पास जाते हुए मैं खुद से रूठ गया हूं उसे मनाते हुए ये जख्म जख्म मनाजिर लहू लहू चेहरे कहां चले गए वो लोग हंसते गाते हुए.