सूर्य उपासना के पर्व मकर संक्रांति इस बार दो दिन मानी जा रही है.
कड़ाके की सर्दी के बावजूद संगम के त्रिवेणी के पावन जल में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई.
हालांकि रविवार को कोहरा नही था, लेकिन सर्द हवाएं काफी चल रही थीं.
ठंड और शीतलहर श्रद्धालुओं की आस्था पर कोई असर नही डाल पाया.
प्रशासन का दावा है इन 2 दिनों में करीब 50 लाख श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे.
संक्रांति के अवसर पर मदुरई के अवनीयपुरम में जल्लीकट्टू की शुरुआत हुई.
वहीं, पश्चिम बंगाल में श्रद्धालुओं ने दक्षिण 24 परगना स्थित गंगासागर में डुबकी लगाई.
पौष मास में जब सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में पहुंचते हैं तो मकर संक्रांति मनाई जाती है.
सूर्य के धनु राशि से मकर राशि पर जाने का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि इस समय सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाता है.
उत्तरायण देवताओं का दिन माना जाता है. मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्नान और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है.
इस दिन तिल खिचड़ी गुड़ का दान किया जाता है. प्रयागराज के संगम में श्रद्धालुओ की भारी भीड़ उमड़ रही है.
गुजरात में मकर संक्रांति के मौके पर रंग बिरंगी पतंगों के बाजार सजे हुए नजर आए.
तस्वीर वडोदरा की है, जहां दुकानों पर पीएम मोदी और रामदेव की तस्वीरों वाले पतंग भी दिखे.
अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर के पवित्र 'सरोवर' में भी श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई.