समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव नहीं रहे.
मुलायम काफी वक्त से बीमार थे. उन्होंने गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में अंतिम सांसें लीं.
मुलायम सिंह यादव जो केंद्र और यूपी सरकार में मंत्री बने जबकि सीएम पद पर भी आसीन हुए.
मुलायम का जन्म 1939 में उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के एक छोटे से गांव सैफई में हुआ था.
जवानी के दिनों में पहलवानी का शौक रखने वाले मुलायम सियासत से पहले शिक्षक हुआ करते थे.
उन्होंने 1967 में सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर सबसे कम उम्र में विधायक बनकर सियासी करियर का आगाज किया.
उसके बाद उनके राजनीतिक सफर में उतार-चढ़ाव तो आए लेकिन राजनेता के रूप में उनका कद लगातार बढ़ता गया.
मुलायम तीन बार उत्तर प्रदेश के सीएम रहे. इतना ही नहीं उनके बेटे अखिलेश यादव भी बाद में मुख्यमंत्री बने.
केंद्र में वीपी सिंह की सरकार के पतन के बाद मुलायम ने चंद्रशेखर की जनता दल (समाजवादी) के समर्थन से अपनी सीएम की कुर्सी बरकरार रखी.
जब अयोध्या का मंदिर आंदोलन तेज हुआ तो कार सेवकों पर साल 1990 में उन्होंने गोली चलाने का आदेश दिया. जिसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग मारे गए थे.
उनके विरोधी तो उन्हें 'मुल्ला मुलायम' तक कहने लगे थे. वहीं, मुलायम के प्रशंसक उन्हें नेताजी कहकर संबोधित करते हैं.
मुलायम 8 बार विधायक और 7 बार सांसद रहे. हालांकि, वे दो बार देश के प्रधानमंत्री बनने से चूक गए. लालू और शरद यादव समेत कुछ नेताओं के विरोध के चलते इस पद तक न पहुंच सके.
मुलायम सिंह के परिवार को देश में सबसे बड़े सियासी कुनबे के रूप में जाना जाता है.