खाना-पानी नहीं, पैरों में छाले 5 दिन से पैदल चल रहे किसान

By: aajtak.in

5000 से ज्यादा किसान नासिक से मुंबई की ओर कूच कर रहे हैं. अपने खेत की जमीन के मालिकाना हक की मांग को लेकर मार्च निकाल रहे हैं. उनके पैरों में घाव हो गए हैं. 

किसानों को वासिंद की निर्माणाधीन इमारत में ठहराया गया है. वहां बिजली-पानी नहीं है. पास के तालाब में शुक्रवार को गंदे पानी से नहाया. शोभा बोये ने कहा सरकार महिलाओं के लिए मोबाइल टॉयलेट और पानी की व्यवस्था करे.

नासिक के कलवान गांव के 60 किसानों के लिए खुले में खाना बनाया गया. किसान खाने का सामान और कुछ पैसे लाए थे, जो खत्म हो रहे हैं. फिर भी किसान मांगें पूरी होने तक लौटने के मूड में नहीं हैं.

100 साल की भीमाबाई का आरोप है कुछ लोग उनकी जमीन हड़पने की कोशिश कर रहे हैं. भिवंडी तालुका में जिस जमीन पर मेरा परिवार पीढ़ियों से खेती कर रहा है, वह मेरे बेटे को मिलनी चाहिए. मैं सरकार से न्याय मांगने आई हूं. 

लक्ष्मण पीठे पैर में चोट लगी है. उन्होंने कहा मेरी चप्पल टूट गई, तो उतार दी. अब पैर में दर्द हो रहा है. दवाई ली है, लेकिन चलता रहूंगा. हमारा संघर्ष ही हमारा भविष्य बेहतर बनाएगा.

50 साल की राधाबाई भागरे को बुखार आने पर शाहपुर सब डिवीजन अस्पताल में भर्ती कराया गया. 53 साल की शैला मोरे सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती हैं. 

बताते चलें कि यात्रा आज छठवें दिन में प्रवेश कर चुकी है. अधिकांश किसानों की उम्र 60 साल से अधिक है. इनमें से कई तो 70 साल से भी ज्यादा उम्र के थे. वे जैसे-तैसे संघर्ष कर रहे हैं.

पूर्व विधायक जेपी गावित ने कहा, "सीएम के साथ बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि जमीनी स्तर पर मांगों को लागू किए जाने तक किसान मुंबई-नासिक हाइवे पर वाशिंद के ईदगाह मैदान में मौजूदा जगह पर ठहरेंगे."