पाकिस्तान में भारी बारिश और भीषण बाढ़ से हर तरफ तबाही सी मची हुई है.
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए मौजूदा बाढ़ मुल्क की बुनियाद हिलाने वाली है.
उसके चार सूबे सिंध, बलूचिस्तान, खैबर पख्तून ख्वां और पंजाब पानी में डूबे हुए हैं.
इन 4 राज्यों के कुल 135 जिलों में से 110 जिले पिछले ढाई महीने से बारिश-बाढ़ से जूझ रहे हैं.
बाढ़ की वजह से एक हजार से ऊपर लोग मारे जा चुके हैं. 10 लाख पशु पानी में बह चुके हैं.
5 लाख घर बाढ़ की भेंट चढ़ गए. 10 लाख लोग बेघर हो चुके हैं. लोग शरणार्थी कैंपों में रहने को मजबूर हैं.
पाकिस्तान में 3500 सड़कें और 150 पुल बाढ़ में बह चुके हैं. 40 से ज्यादा छोटे बांधों में दरार पैदा हो गई है.
मजबूर लोग सैलाब के बीच ही जीने के लिए मजबूर हैं. एक शख्स खाट को ही नाव बनाकर तैरता नजर आया.
लोग दाने-दाने को मोहताज हैं. पाकिस्तान के इतिहास में यानी पिछले 75 सालों में इतनी बारिश कभी नहीं हुई.
पाकिस्तान में इससे पहले 2010 में भयानक बाढ़ आई थी. लेकिन इस बार की बाढ़ ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
इस तबाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है. उन्होंने प्रभावित लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं जताईं.
पाक में महंगाई की दर 45 फीसदी है. उसका खजाना करीब करीब खाली है. खजाने में सिर्फ दो महीने का डॉलर बचा है.
बाढ़ से पाकिस्तान की कृषि से लेकर कारोबार तक पर बुरा असर हो रहा है. जिससे पाकिस्तान की कमर टूटनी तय है.