क्यों इस दुर्लभ जानवर की सबसे ज्यादा हो रही है तस्करी? लाखों में है कीमत
By Naresh Sharma
30 June 2023
छत्तीसगढ़ में पुलिस ने तीन ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जो पेंगोलिन नाम के जंगली जानवरी की तस्करी कर रहे थे. पुलिस के साथ ही वन विभाग ने तस्करों के पास से वाहन और पेंगोलिन जब्त किया है.
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में कापसी वन परिक्षेत्र में वन विभाग की टीम ने मुखबिर की सूचना पर पेंगोलिन के तस्करों को पकड़ा है. इनके कब्जे से 11 किलो 500 ग्राम वजन का पेंगोलिन मिला.
तस्करों के नाम दलसु, अशोक व नरेश हैं. जिंदा पेंगोलिन (सालखपरी) की अनुमानित कीमत 10 लाख रुपये बताई जा रही है. यह कार्रवाई प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुधीर अग्रवाल के मार्गदर्शन में की गई.
पेंगोलिन कीड़े खाने वाले स्तनधारी हैं. अफ्रीका और एशिया के घने जंगलों में मिलने वाले ये जीव बहुत खास हैं. ये रेप्टाइल्स की तरह दिखते हैं, जिसकी वजह है उनके शरीर पर लंबी-लंबी स्केल्स होती हैं.
पेंगोलिन की जीभ 40 सेंटीमीटर लंबी होती है, इससे वे चींटियां, दीमक और छोटे कीड़े-मकोड़े खाते हैं. एक अकेला पेंगोलिन हर साल लगभग 70 मिलियन कीड़े खा जाता है.
पेंगोलिन की कुछ 8 प्रजातियां हैं, जिनमें से पांच प्रजातियों के बारे में माना जा रहा है कि वो आने वाले कुछ सालों में खत्म हो जाएंगी. बाकी तीन के बारे में अंदेशा है कि वे भी जल्द गायब होने वाली हैं.
ये सभी वे प्रजातियां हैं, जो किसी न किसी तरह से ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन में उपयोग की जाती हैं. यानी चीन इस जानवर की तस्करी और उसे मारने में सबसे आगे है.
चीन में ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन (TCM) पर काफी जोर दिया जाता है. ये वहां की हजारों साल पुरानी विधा है, जिसमें शरीर में मौजूद एनर्जी को ठीक करके बीमारियों के इलाज का दावा किया जाता है.
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के ऑनलाइन रिसोर्स सेंटर नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में जुलाई 2020 में एक रिपोर्ट आई थी. इसके मुताबिक, पेंगोलिन की स्केल यानी शरीर के ऊपर की खोल को चीन में खूब महत्व मिलता है.