जब महाकाल के दरबार में पहुंचे पीएम मोदी 

8 March, 2022

पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार, 11 अक्टूबर 22 को उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे. 

जब प्रधानमंत्री नंदी द्वार से श्री महाकाल लोक तक पहुंचे तो पारंपरिक धोती पहने हुए थे. 

आंतरिक गर्भगृह में पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने विधिवत पूजा और दर्शन किए. 

मंदिर के पुजारियों की उपस्थिति में भगवान श्री महाकाल के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना की. 

पीएम आंतरिक गर्भगृह के दक्षिणी कोने में बैठ गए और मंत्रों का जाप करते हुए ध्यान किया. 

प्रधानमंत्री नंदी प्रतिमा के बगल में भी बैठे और हाथ जोड़कर प्रार्थना की. प्रधानमंत्री ने मंदिर के संतों से भी मुलाकात की. 

मोदी ने 850 करोड़ की लागत से बने महाकाल कॉरिडोर को देश को समर्पित भी किया. 

प्रधानमंत्री ने महाकाल लोक मंदिर परिसर का दौरा किया, वहां सप्तऋषि मंडल, मंडपम, त्रिपुरासुर वध और नवगढ़ को देखा.

प्रधानमंत्री ने भित्ति चित्र देखे. इनमें शिव पुराण में वर्णित सृजन का कार्य, गणेश के जन्म, सती और दक्ष की कहानियां शामिल थीं. 

मोदी ने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखा जिसे इस अवसर पर प्रदर्शित किया गया और मानसरोवर में मलखंब प्रदर्शन भी देखा. 

महाकाल कॉरिडोर का भव्य प्रवेश द्वारा बनाया गया है. कॉरिडोर में शिव कथा को दर्शाने वाले चित्रांकन हैं. 

856 करोड़ रुपये में तैयार किया गया यह कॉरिडोर काशी विश्वनाथ मंदिर से आकार में करीब 4 गुना बड़ा है. 

यहां नक्काशीदार बलुआ पत्थरों से बने अलंकृत स्तंभ, 50 से ज्यादा भित्ति चित्रों का एक पैनल भी तैयार किया गया है. 

ये कॉरिडोर पुरानी रुद्रसागर झील के पास है, जिसे आसपास के इलाके को परियोजना के हिस्से के रूप में पुनर्जीवित किया गया है. 

महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है. यहां देशभर से लोग दर्शन और पूजा-अर्चना करने आते हैं. 

राजस्थान के बंसी पहाड़पुर क्षेत्र से आए बलुआ पत्थरों का उपयोग उन स्ट्रक्चर के निर्माण में किया गया है जो कॉरिडोर की शोभा बढ़ाते हैं. 

कॉरिडोर में आने वाले लोगों को अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. यहां नियमित अंतराल पर त्रिशूल-शैली के डिजाइन पर 108 स्तंभ हैं. 

सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है. 

कॉरिडोर में कालिदास के अभिज्ञान शकुंतलम में वर्णित बागवानी की प्रजातियों को भी लगाया है. इनमें रुद्राक्ष, बकुल, कदम, बेलपत्र, सप्तपर्णी शामिल हैं.