अंधविश्वास या सच? यहां मुर्गे के आशीर्वाद से दूर होता है भूत-प्रेत का साया

रिपोर्ट: सुरेश फौजदार

भूत-प्रेत को लेकर आपने कई तरह की चर्चाएं सुनी होंगी. गांव-गांव में इसका इलाज करने के नाम पर पाखंड भी खूब नजर आता है. 

राजस्थान के भरतपुर में हर साल एक मेला लगाया जाता है जिसमें मुर्गों को जरिए भूत-प्रेत भगाने का दावा किया जाता है..

यह मेला इस महीने यानि जून में हर सोमवार लगाया जाता है. कुछ लोग इसे अंधविश्वास से जोड़कर देखते हैं तो कोई इसे हकीकत मानता है.

इस मेले को कुआं वाला मेला कहा जाता है. इसमें बच्चों का मुंडन करवाकर उन्हें नजर से बचाने के लिए यह क्रिया की जाती है.

पहले बच्चों का मुंडन करवाया जाता है. फिर मुर्गे को बच्चे के सिर के चारों ओर घुमाकर उसका आशीर्वाद दिलवाया जाता है और झाड़-फूंक की जाती है.

जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास लगने वाले इस मेले में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं अपने छोटे बच्चों को लेकर आती हैं.

मुर्गा उन्हें खुद से ही खरीद कर लाना पड़ता है. इस तरह मुर्गे वालों की इस महीने खूब कमाई होती है.

लोगों का कहना है कि मेला कुआं वाली जात के नाम से जाना जाता है. यहां आने का मकसद यही है कि बच्चों को किसी भी तरह की बुरी नजर से सुरक्षित रखा जाए.