10 Oct 2024
रतन टाटा, एक दूरदर्शी व्यक्ति, दरियादिल इंसान और देश के एक सफल उद्योगपति रहे, जिनका जन्म का जन्म 28 दिसंबर 1937 को एक पारसी परिवार में हुआ था.
जब रतन टाटा 10 साल के थे, तब उनके मां-बाप अलग हो गए थे, उसके बाद उन्हें जेएन पेटिट पारसी अनाथालय से उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने औपचारिक रूप से गोद लिया था.
आलीशान घर में पले-बढ़े होने के बावजूद रतन टाटा बेहद सौम्य और विनम्र स्वभाव के धनी थे, उनकी इसी खूबी ने उन्हें उद्योग जगत के शीर्ष तक पहुंचाया.
साल 1868 में शुरू हुए कारोबारी घराने की कमान अपने हाथों में लेने से पहले रतन टाटा ने 70 के दशक में टाटा स्टील जमशेदपुर में काम किया, जब उन्हें कारोबार की समझ आ गई.
इसके बाद उन्होंने ग्रुप में अपनी दमदार एंट्री की. साल 1991 में रतन टाटा ने पूरे ग्रुप की कमान अपने हाथों में ली थी. वो 1991 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन रहे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन थे.
रतन टाटा की अगुवाई में टाटा ग्रुप ने नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक और नैनो कार से लेकर सेना के लिए साजो सामान बनाने वाली कंपनी को बनाया. इतना ही नहीं उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण भी किया.
अपनी मेहनत और काबीलियत के बूते उन्होंने टाटा ग्रुप को साल दर साल नई बुलंदियों पर पहुंचा. इसी के चलते टाटा समूह आज देश के सबसे बड़े औद्योगिक घरानों में एक है.