हर सूरत कलेजे से लगा लेने के काबिल है... अकबर इलाहाबादी के शेर

29 Oct 2023

By अतुल कुशवाह

उर्दू के बड़े शायर अकबर इलाहाबादी 16 नवंबर 1846 इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में जन्मे थे. पहले उनका नाम अकबर हुसैन रिजवी था. वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेशन जज भी रहे.

अकबर इलाहाबादी

Photo: Social Media

इलाही कैसी कैसी सूरतें तूने बनाई हैं हर सूरत कलेजे से लगा लेने के काबिल है.

हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता.

हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कुरा देना, हसीनों को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना.

जो कहा मैंने कि प्यार आता है मुझको तुम पर हंस के कहने लगा और आप को आता क्या है.

आई होगी किसी को हिज्र में मौत मुझको तो नींद भी नहीं आती. लोग कहते हैं बदलता है जमाना सबको मर्द वो हैं जो जमाने को बदल देते हैं.

आह जो दिल से निकाली जाएगी क्या समझते हो कि खाली जाएगी इस नजाकत पर ये शमशीर-ए-जफा आप से क्यूंकर संभाली जाएगी.

बिठाई जाएंगी पर्दे में बीबियां कब तक बने रहोगे तुम इस मुल्क में मियां कब तक हरम-सरा की हिफाजत को तेग ही न रही तो काम देंगी ये चिलमन की तीलियां कब तक.

करेगा कद्र जो दुनिया में अपने आने की उसी की जान को लज्जत मिलेगी जाने की मजा भी आता है दुनिया से दिल लगाने में सजा भी मिलती है दुनिया से दिल लगाने की.