अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने जारी कीं मंदिर की ताजा तस्वीरें
By Banbir Singh
21 June 2023
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने मंदिर की ताजा तस्वीरें जारी की हैं. श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल के छत निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो गया है. अब मंदिर की फिनिशिंग का कार्य शुरू हो गया है.
फिनिशिंग का कार्य समाप्त होने के बाद अब भूतल पर केवल मंदिर की खिड़की और दरवाजे का काम ही शेष बचेगा. इसी वर्ष सितंबर के समाप्त होते-होते राम जन्मभूमि मंदिर के भूतल गर्भ गृह को पूरी तरह तैयार कर दिया जाएगा.
राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण की जो तस्वीरें जारी की हैं, वह मन मोह लेने वाली हैं. मंदिर ट्रस्ट द्वारा जारी तस्वीरों में मनभावन नक्काशी और खूबसूरती की झलक दिखाई देती है.
राम मंदिर निर्माण में लगे पत्थरों पर अलग-अलग देवी देवताओं की कलाकृति उकेरी जा रही है. मंदिर की छत हो या फिर गर्भगृह या भूतल की दीवारों की खूबसूरत कलाकृति सबकुछ अदभुत दिखाई दे रहा है.
भूतल का कार्य समाप्त होने के बाद अब बारी श्री राम मंदिर के दरवाजे और खिड़कियों की है. वैसे तो श्री राम जन्मभूमि में प्रवेश और निकासी के लिए कुल 46 दरवाजे होंगे.
भूतल की बात करें तो इसी भाग में 14 दरवाजे लगाए जाएंगे. इसमें गर्भगृह और भूतल का विशालकाय मुख्य द्वार भी होगा.
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जंगल की सागौन की लकड़ी उपयोग में लाई जाएगी. यह लकड़ी महाराष्ट्र सरकार द्वारा अंशदान के रूप में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपी जाएगी.
महाराष्ट्र से पहले खेत के रूप में 1855 घन फिट लकड़ी अयोध्या पहुंच चुकी है, जबकि शेष लकड़ियों के खेत शीघ्र ही अयोध्या पहुंच जाएगी.
लकड़ियों के आ जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार काष्ठ समर्पण के लिए एक बृहद कार्यक्रम भी अयोध्या में आयोजित करेगी, जिसमें यूपी और महाराष्ट्र सरकार के शीर्ष राजनेता उपस्थित रहेंगे.
सितंबर 2023 तक अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भूतल का कार्य पूरा हो जाएगा. भूतल का कार्य समाप्त होने के बाद ऊपरी मंजिल का कार्य शुरू हो जाएगा.
श्री राम मंदिर तीन तल का होगा. जनवरी 2024 में जब मंदिर के गर्भ गृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हो रहा होगा, उसे समय भी मंदिर के ऊपरी तल के निर्माण का कार्य चल रहा होगा.
मंदिर ट्रस्ट ने इसके लिए कार्य योजना इस तरह तैयार की है कि किसी भी कारण मंदिर के निर्माण की प्रगति में कोई अवरोध न आए. इसीलिए 2025 में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के साथ-साथ पूरे परिसर में जितने भी निर्माण होने हैं, वह सब पूरे करने का लक्ष्य है.
श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठित होने वाली रामलला की मूर्ति का निर्माण भी चल रहा है. तीन मूर्ति कलाकारों का दल अलग-अलग शिलाओं से श्री राम के बाल स्वरूप की मूर्ति तैयार कर रहा है.
इन शिलाओं में दो कर्नाटक की हैं, तो एक शिला जयपुर राजस्थान की. इन शिलाओं से बनाई गई मूर्ति में जो सबसे मनमोहक होगी, उसे गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित किया जाएगा, जबकि बाकी का उपयोग अन्य स्थानों पर होगा.