कलियुग का 'श्रवण कुमार': बेटे ने अपनी जांघ की चमड़ी से बनवाईं मां के पैरों के लिए चप्पलें 

कलियुग में एक तरफ जहां अपने मां-बाप को बच्चे अनाथ आश्रम में छोड़कर बेसहारा कर देते हैं. तो वहीं दूसरी ओर आज श्रवण कुमार जैसे बेटे भी मौजूद हैं. जो कि अपने मां-पिता के लिए जान पर खेलने से भी नहीं चूकते. 

बेटे का त्याग 

मध्य प्रदेश के उज्जैन से ऐसा ही एक मामला सामने आया है. शहर में एक बेटे ने अपनी जांघ की चमड़ी से मां के लिए चरण पादुकाएं बनवा दीं. बेटे की तरफ से दिया गया अनोखा तोहफा देख मां भी भाव विह्वल हो उठीं. 

उज्जैन का मामला 

दरअसल, उज्जैन में रहने वाले रौनक गुर्जर ने कुछ समय पहले संकल्प लिया था कि वह अपनी मां के लिए कुछ अलग करेगा. 

रौनक गुर्जर ने अपनी जांघ की चमड़ी से अपनी मां निर्मला गुर्जर के लिए चरण पादुकाएं बनाने का संकल्प लिया और उसे पूरा करने के लिए अस्पताल जाकर खाल निकलवाई. फिर चरण पादुकाएं बनवाईं.

जैसे ही मां को पता चला कि बेटे ने उनके लिए चरण पादुका अपनी पैरों की चमड़ी से बनवाई है, तो मां भी अपने आपको रोक न सकी और बेटे से लिपटकर भावविभोर हो गई. 

इस नजारे को देख मौके पर मौजूद आमजन भी भावुक हो गए. इसको लेकर कलियुग के श्रवण कुमार यानी रौनक गुर्जर ने बताया, मैं रामायण का पाठ करता हूं और प्रभु श्री राम के चरित्र से काफी प्रभावित हूं. 

रौनक ने आगे कहा, भगवान राम ने ही बोला है कि अपनी मां के लिए अपने चमड़े से खडाऊं भी बनवा दें तो कम हैं. बस, इसी बात को लेकर मेरे मन में ख्याल आया और मां के लिए अपने चमड़े से मैंने चरण पादुकाएं बनवाईं और मां को भेंट कीं. 

बता दें कि रौनक गुर्जर कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रह चुका है. करीब पांच साल पहले एक एनकाउंटर में रौनक के पैर में पुलिस ने गोली मार दी थी. फिलहाल वह जमानत पर बाहर है.