चांद को छत पे बुला लूंगा इशारा करके... करवाचौथ पर शायरों के चुनिंदा शेर

01 Nov 2023

By अतुल कुशवाह

आज करवाचौथ पर सुहागिनें चांद का दीदार कर व्रत खोलेंगी और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करेंगी. वैसे चांद साहित्यकारों का पसंदीदा विषय रहा है. शायरों ने तमाम शेर भी कहे हैं. 

करवाचौथ का चांद और शायरी

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उसके चेहरे की चमक के सामने सादा लगा आसमां पे चांद पूरा था मगर आधा लगा.                               - इफ्तिखार नसीम

परवीन शाकिर ने लिखा है... इतने घने बादल के पीछे कितना तन्हा होगा चांद.

कभी तो आसमां से चांद उतरे जाम हो जाए तुम्हारे नाम की इक खूबसूरत शाम हो जाए.                                      - बशीर बद्र

रोज तारों को नुमाइश में खलल पड़ता है चांद पागल है अंधेरे में निकल पड़ता है. मुंतजिर हूं कि सितारों की जरा आंख लगे चांद को छत पे बुला लूंगा इशारा करके.                                       - राहत इंदौरी

ये दुनिया चांद पर पहुंची हुई है तुझे लाहौर जाने की पड़ी है. अभी जो शेर लिक्खा भी नहीं है अभी से वो सुनाने की पड़ी है.                            - अब्दुर्रहमान मोमिन

बस एक बार मुझे चांद ने पुकारा था तमाम उम्र सितारों ने घर बुलाया मुझे. अभी वो चांद फलक से उतर के आएगा ये एक ख्वाब हमें बारहा दिखाया गया.                                   - ज्योति आजाद

दूर के चांद को ढूंढ़ो न किसी आंचल में ये उजाला नहीं आंगन में समाने वाला.                                    - निदा फाजली

फलक पे चांद-सितारे टंगे हैं सदियों से मैं चाहता हूं जमीं पर इन्हें उतारे कोई.                               - मदन मोहन दानिश