3 महीने तक 16 वर्षीय लड़की को दिया गया टॉर्चर, छोटे बच्चों तक ने नहीं बख्शा

15 मार्च 2023

3 जनवरी 1949 को जन्मी सिल्विया मैरी लाइकिन्स अपने माता-पिता और बहन के साथ अमेरिका के इंडियाना में रहती थी.

माता-पिता की आपस में बनती नहीं थी. इसलिए उन दोनों ने तलाक ले लिया. सिल्विया और उसकी बहन जेनी, दोनों अपनी मां के साथ ही रहने लगीं.

मां की आर्थिक स्थिति काफी तंग थी. बच्चियों का पेट पालने के लिए उसने चोरी करना शुरू कर दिया.

लेकिन एक बार वो चोरी करती हुई पकड़ी गई. जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया. अब बच्चियों की जिम्मेदारी उनके पिता पर आ गई.

पिता काम से अक्सर बाहर रहते थे. इसलिए उन्होंने एक तलाकशुदा महिला गर्ट्रूड बनिस्जेवेस्की को बच्चियों की जिम्मेदारी सौंप दी.

इसके बदले सिल्विया और जेनी के पिता उस महिला को हर हफ्ते 20 डॉलर देते थे. लेकिन एक बार जब उन्होंने पैसे देने में देर कर दी.

जिसका नतीजा ये हुआ कि गर्ट्रूड बनिस्जेवेस्की ने दोनों बच्चियों को टॉर्चर करना शुरू कर दिया. वो उन्हें मारती-पीटती और दिनभर काम करवाती.

बाद में जेनी को छोड़ सिर्फ सिल्विया को ही वह मारने-पीटने लगी. यहां तक कि उसकी बड़ी बेटी पाउला ने भी सिल्विया को टॉर्चर देना शुरू कर दिया.

यही नहीं, पड़ोस के बच्चे तक अपने मजे के लिए सिल्विया को मारते पीटते. वे लोग उसके कपड़े उतारकर उसकी योनि में भी मारते.

तीन महीने के टॉर्चर के बाद आखिर सिल्विया की मौत हो गई. बाद में पुलिस को सिल्विया की मौत की सूचना मिली.

जांच के दौरान गर्ट्रूड बनिस्जेवेस्की लगातार पुलिस को गुमराह करती रही. लेकिन सिल्विया की बहन ने सच्चाई पुलिस को बता दी.

जिसके बाद गर्ट्रूड बनिस्जेवेस्की, उसकी बड़ी बेटी पाउला और बाकी कई बच्चों के खिलाफ केस चला और उन्हें सजा सुनाई गई.