छठ पूजा में भगवान सूर्यदेव की आराधना की जाती है. छठ का त्योहार पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में मनाया जाता है. छठ की शुरुआत नहाय खाय से होती है.
वहीं, दरभंगा के पिंडारूच गांव में भी आज छठ के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया. अर्घ्य देते समय सूर्य देव को दूध और जल चढ़ाया गया.
पिंडारूच गांव के लोग छठ घाट बनाने की तैयारी दीपावली के अगले दिन से ही करने लगते हैं. फिर कड़ी मेहनत से घाटों को सजाते हैं.
सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए लोग बांस की टोकरी में ठेकुआ, फल, चावल के लड्डू, नारियल, गन्ना, मूली आदि से सूप को सजाकर तैयार कर पूजा की जाती है.
पिंडारूच के लोगों का मान्यता है कि इस दिन व्रती महिला के अलावा परिवार के सदस्यों को भी अर्घ्य देना चाहिए. यहां सूर्य देव की आराधना करने का परंपरा है.
बता दें कि छठ का व्रत करने वाली महिलाएं खरना वाले दिन बने प्रसाद ग्रहण करने के बाद कुछ नहीं खाती हैं. इसके बाद 36 घंटों का निर्जला व्रत शुरू होता है.
पिंडारूच के रहने वाले छोटू और सोनू ने बताया कि छठ के लिए हम लोग कई महीनों से इंतजार करने लगते हैं. छठी मईया सभी का मनोकामना पुरी करें.