भारत में हर 40 घंटे में एक टाइगर की मौत हो रही है. इस साल अलग-अलग राज्यों में 30 बाघों की मौत हो चुकी है.
इस साल 01 जनवरी से 20 फरवरी तक 30 बाघों की मौत से बाघ संरक्षण प्राधिकरण भी हैरत में है.
जिन बाघों की मौत हुई है, उनमें 9 नर और 9 मादा हैं, जबकि अन्य 12 के नर या मादा होने की जानकारी नहीं मिल सकी. इसमें से 18 वयस्क थे.
साल 2018 में बाघों की गणना के अनुसार, देश में कुल 2967 बाघ हैं. 526 बाघ मध्य प्रदेश में है, कर्नाटक में 524 और उत्तराखंड में 442 बाघ हैं.
01 जनवरी से 20 फरवरी के 18 वयस्क बाघों की मौत हुई. 09 बाघों की मौत मध्य प्रदेश में हुई, जो सबसे ज्यादा है. 02 बाघों की जान उत्तराखंड और असम में हुई.
साल 2020 में हुई 73 बाघों की मौत जांच के दायरे में है. वहीं, साल 2012 से लेकर 2020 तक की रिपोर्ट पर गौर करें तो 2020 में सबसे ज्यादा बाघों की मौत हुई थी.
साल 2021 में 127 तो 2022 में 121 बाघों की मौत हुई थी.