3 मई 1937 हिंडनबर्ग के एयरशिप ने जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से अमेरिका के न्यू जर्सी के लिए उड़ान भरी. इस एयरशिप में क्रू मेंबर्स सहित 97 यात्री सवार थे.
इसे 5 मई को अपनी मंजिल पर पहुंचना था. लेकिन यह थोड़ा लेट हो गया. 6 मई 1937 को जब यह एयरशिप न्यू जर्सी पहुंचने वाला था तो मौसम अचानक से खराब हो गया.
इस कारण पहली बार में यह एयरशिप लैंड नहीं कर पाया. कंट्रोल रूम ने पायलट को कहा कि वह एयरशिप को थोड़ी देर के लिए तूफान से दूर जाकर आसमान में ही उड़ाए.
जब मौसम ठीक हुआ तो लैंडिंग की इजाजत मिली और हिंडनबर्ग एयरशिप न्यू जर्सी की लैंडिंग साइट की ओर बढ़ चला. अभी कुछ ही वक्त बीता था कि हवा का रुख एयरशिप के खिलाफ होने लगा.
तभी हिंडनबर्ग में लगे स्टील के तारों में से पिछले हिस्से के कुछ तार टूट गए और उन्होंने एक गैस चैंबर को डैमेज कर दिया. नतीजा ये हुआ कि उस गैस चेंबर से गैस लीक होनी शुरू हो गई.
लैंडिंग साइट के पास पहुंचने से कुछ देर पहले कैप्टन ने नोटिस किया कि एयरशिप का पिछला हिस्सा नीचे झुक रहा है. ऐसे में कैप्टन ने एयरशिप के पिछले हिस्से से पानी गिराने का आदेश दिया.
लेकिन जैसे ही एयरशिप लैंड करने लगा उसके पिछले हिस्से में अचानक आग लग गई. पूरे शिप में ढेर सारी हाइड्रोजन गैस भरी थी, जिसने एक झटके में आग पड़ ली.
महज 35 सेकंड में ही हिंडनबर्ग जलकर खाक हो गया. कुछ यात्रियों ने एयरशिप से कूदकर अपनी जान बचा ली. लेकिन बाकी बचे 35 लोगों की इसमें जलकर मौत हो गई.
वहीं, ये एयरशिप जलकर जब नीचे गिरा तो वहां खड़े एक क्रू मेंबर की भी मौत हो गई. यानी इस हादसे ने कुल मिलाकर 36 लोगों की जान ली.