एक आदिवासी गरीब लड़की ने बदल दी अपने गांव की तस्वीर
By Mirtunjay Pandey
गीता को उसके पिता ने मोबाइल पर एक तस्वीर दिखाई और पूछा, क्या तुम ऐसी तस्वीर बना सकती हो? बेटी ने कहा, हां.
इसके बाद गीता ने अपने घर की दीवारों पर सुंदर पेंटिंग बनानी शुरू कर दी. कुछ दिन बाद उसने अपने पूरे घर का रंग बदल दिया.
धीरे-धीरे गीता मरांडी ने पूजा हैम्ब्रम, सोनी हैम्ब्रम और दो अन्य सहेलियों के साथ मिलकर अपने कठलिया गांव की पूरी सूरत ही बदल डाली.
दुमका जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर मसलिया प्रखंड में है. गांव को नया रूप देने के लिए गीता और उसकी सहेलियों की हर तरफ तारीफ हो रही है.
इस गांव की सुंदरता देखते बनती है, इन कलाकृतियों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंच रहे हैं.
गांव की तरफ से गुजरने वाले लोग इन घरों की तस्वीर अपने मोबाइल में कैद करने नहीं चूकते.
मसलिया प्रखंड का कठलिया गांव आदिवासी बहुल है. इस गांव के ज्यादातर लोग या तो किसान हैं यह मजदूरी करते हैं. इस गांव के ज्यादातर घर मिट्टी के बने हुए हैं.