महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के महागांव में रहने वाले शंकर पीरू कुंभारे के पत्नी, शादीशुदा बेटा-बेटी और साली की मौत हो गई. सभी को आर्सेनिक केमिकल दिया गया था.
20 सितंबर को शंकर और उसकी पत्नी विजया कुंभारे की तबीयत अचानक से बिगड़ गई. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
मगर, 26 सितंबर को शंकर कुंभारे की और 27 सितंबर को विजया की मौत हो गई. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराने वाले राकेश मंडावी 21 सितंबर को तबीयत बिगड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराए गए थे. उन्होंने शंकर की बोतल से पानी पिया था, जिसमें जहर मिला हुआ था.
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माता-पिता की मौत से सदमे से उभर रहे शंकर की शादीशुदा बेटी कोमल दहागांवकर और बेटे रोशन की भी तबीयत बिगड़ी. साथ ही शंकर की साली वर्षा का भी स्वास्थ्य खराब हो गया. तीनों को इलाज के अस्पताल में भर्ती कराया गया. 8 अक्टबूर को कोमल ने इलाज के दौरान अस्पताल में ही दम तोड़ दिया.
15 अक्टूबर को शंकर के बेटे रोशन की मौत हो गई.
14 अक्टूबर को शंकर कुंभारे की साली आनंदा उर्फ वर्षा उराडे की मौत हो गई. इसी बाच वर्षा के बेटे और दिल्ली में रहने वाले शंकर का बड़ा बेटा जो कि परिवार के लोगों की मौत होने पर घर आया था वह भी दिल्ली वापस जाते ही बीमार हो गया. उन्हें भी इलाज के अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
मामले की जांच में सामने आया कि सभी मृतकों के एक जैसे लक्षण थे. पुलिस को शंकर के छोटे बेटे की बहू संघमित्रा और साले की पत्नी की भूमिका संदिग्ध नजर आई. तब सामने आया कि इन दोनों महिलाओं ने ही यह साजिश रची थी.
शंकर के साले की पत्नी रोजा रामटेके ने संघमित्रा संग मिलकर परिवार की हत्या की प्लानिंग की थी. क्योंकि रोजा का जमीन को लेकर शंकर की पत्नी से विवाद था और संघमित्रा ने रोशन से लव मैरिज की थी. इस बात पर उसके पिता ने सुसाइड किया था. रोशन का परिवार संघमित्रा को ताने देता था. तभी से उसने भी बदला लेने का ठान रखा था.
रोजा तेलंगाना से आर्सेनिक केमिकल लेकर आई. रोजा और संघमित्रा मिलकर परिवार के खाने और पीने के पानी में यह जहर मिलाती थीं. धीरे-धीरे सभी को तबीयत बिगड़ी. शरीर में दर्द और होंठ काले पड़ने लगे थे. 20 दिनों के भीतर ही शंकर की पत्नी, बेटे, बेटी सहित मौत हो गई. साथ ही उसकी साली की भी जान चली गई.
आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनकी मदद करने वालों पर भी एक्शन लिया गया है.