उसे कहो कि बहुत जल्द मिलने आए हमें... फरीहा नकवी के चुनिंदा शेर

9 Mar 2024

By अतुल कुशवाह

फरीहा नक़वी पाकिस्तान की नवोदित शायरा हैं. उन्होंने कई बेहतरीन गजलें कही हैं. कई इंटरनेशनल मुशायरों में शिरकत की है. वे पाकिस्तान के कस्टम विभाग की अफसर भी हैं.

शायरा फरीहा नकवी

Photo: facebook

हम एक शहर में जब सांस ले रहे होंगे हमारे बीच जमानों के फासले होंगे वो चाहता तो ये हालात ठीक हो जाते बिछड़ने वाले सभी ऐसा सोचते होंगे.

वो अगर अब भी कोई अहद निभाना चाहे दिल का दरवाजा खुला है जो वो आना चाहे ऐन मुमकिन है उसे मुझसे मोहब्बत ही न हो, दिल बहर तौर उसे अपना बनाना चाहे.

तुम्हें पाने की हैसियत नहीं है मगर खोने की भी हिम्मत नहीं है मोहब्बत कम न होगी याद रखना ये बढ़ती है कि ये दौलत नहीं है.

हम तोहफे में घड़ियां तो दे देते हैं इक दूजे को वक्त नहीं दे पाते हैं आंखें ब्लैक एंड व्हाइट हैं तो फिर इनमें रंग बिरंगे ख्वाब कहां से आते हैं.

उसे कहो कि बहुत जल्द मिलने आए हमें अकेले रहने की आदत ही पड़ न जाए हमें हमारे दिल तो मिले आदतें नहीं मिलतीं उसे पसंद नहीं कॉफी और चाय हमें.

खो देने का दिल भरने का थक जाने का खौफ, एक तेरे होने से चखा कैसा कैसा खौफ तुम थे लेकिन दो हिस्सों में बंटे हुए थे तुम आंख खुली तो बिस्तर की हर सिलवट में था खौफ.

किसी को देख के धीमे से मुस्कुरा देना किसी के वास्ते कुल काएनात होती है कभी वो वक्त भी आएगा तुम भी जानोगे तुम्हारी दीद किसी की हयात होती है.

तुम्हारे बाद किसी कमसुखन ने वहशत में बुझा के सारे दिए आइनों से बातें कीं पलटने वाले से ये पूछना नहीं बनता कहां गुजारे मेरे दिन कहां पे रातें कीं.