Exit Poll क्या होता है, कैसे कराए जाते हैं चुनावी सर्वे? जान लीजिए

20 Nov 2024

आगामी 23 नवंबर को महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के नतीजे आने हैं, लेकिन उससे पहले न्यूज एजेंसियों के द्वारा एग्जिट पोल जारी किए जाएंगे. आइए जानते हैं कि एग्जिट पोल क्या होता है और ये कैसे कराया जाता है.

एग्जिट पोल एक चुनावी सर्वे है, जिसमें मतदान के बाद वोटरों से कई सवाल किए जाते हैं. उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसे वोट दिया. ये सर्वे वोटिंग वाले दिन ही होता है. इसके आधार पर चुनावी नतीजों का अनुमान लगाया जाता है. भारत में कई सारी एजेंसियां एग्जिट पोल करवाती हैं.

एग्जिट पोल को लेकर भारत में पहली बार 1998 में गाइडलाइंस जारी हुई थीं. चुनाव आयोग ने आर्टिकल 324 के तहत 14 फरवरी 1998 की शाम 5 बजे से 7 मार्च 1998 की शाम 5 बजे तक एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल के नतीजों को टीवी और अखबारों में दिखाने पर रोक लगा दी थी. 

रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 के मुताबिक, जब तक सारे फेज की वोटिंग खत्म नहीं हो जाती तब तक एग्जिट पोल नहीं दिखाए जा सकते. आखिरी चरण की वोटिंग खत्म होने के आधे घंटे बाद एग्जिट पोल के नतीजे दिखाए जा सकते हैं. 

कानून के तहत अगर कोई भी चुनाव प्रक्रिया के दौरान एग्जिट पोल या चुनाव से जुड़ा कोई भी सर्वे दिखाता है या चुनाव आयोग की गाइडलाइंस का उल्लंघन करता है तो उसे 2 साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है.

एग्जिट पोल के नतीजे कई बार एकदम सटीक तो कई बार गलत भी साबित होते हैं. ये सर्वे वोटिंग की तारीख वाले दिन ही होती है. इसमें वोटरों का मन टटोलने की कोशिश की जाती है. हर चरण की वोटिंग वाले दिन ही ये सर्वे होता है. ये पोलिंग बूथ के बाहर किया जाता है और वोट देकर बाहर आने वाले लोगों से सवाल किए जाते हैं.