प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान के 21 द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र विजेताओं पर रखा है.
ये वो वीर सैनिक हैं, जिन्होंने देश के दुश्मनों को धूल चटाई. आइए, जानते हैं इन सभी के बारे में.
शर्मा देश के पहले परम वीर चक्र विजेता बने. 22 अक्टूबर 1947 को शर्मा की टुकड़ी ने 700 लश्कर कबिलाइयों का सामना किया. वह लड़ते शहीद हो गए लेकिन पोस्ट पर कब्जा होने से बचा लिया.
13 अक्टूबर 1948 को पाक ने टिथवाल पर कब्जा करने के लिए हमले किए. 1 सिख फॉरवर्ड पोस्ट का नेतृत्व कर रहे करम सिंह ने दुश्मन के हमले बेकार कर दिए. उन्हें जीवित रहते परमवीर चक्र मिला.
राम देश के पहले भारतीय फौजी थे, जिन्हें जीवित रहते हुए परमवीर चक्र से नवाजा गया. क्योंकि उन्होंने 3 दिन बिना खाए-पीए पाकिस्तानी फौजियों को पीछे धकेला.
यूपी के शाहजहांपुर जिले के खजूरी में 21 नवंबर 1916 में पैदा हुए. 31 साल की उम्र में देश के नाम शहीद हो गए. उन्होंने नौशेरा के तैनधार पोस्ट को बचाने के लिए सर्वोच्च बलिदान दे दिया.
जुलाई 1948 में पाक ने कश्मीर के तिथवाल सेक्टर में हमला किया. पीरू अकेले दुश्मनों से भिड़े और सर्वोच्च बलिदान दिया. सभी 21 परमवीरों की वीरगाथा जानने के लिए नीचे क्लिक करें.