8 Mar 2024
By अतुल कुशवाह
Happy Women's Day: महिलाओं की जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर कवियों-शायरों ने तमाम शेर कहे हैं. आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम कुछ शायरों के चुनिंदा शेर लेकर आए हैं.
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किसी के वास्ते सीने में हमदर्दी नहीं होती अगर ये दिल नहीं होता तो चाहत भी नहीं होती निकाला घर से जब बेटे ने तो मां-बाप ये बोले कहां जाते बुढ़ापे में अगर बेटी नहीं होती. (गोविंद गीते)
कहर है तेरी हर इक नर्म अदा तेरे लिए जहर ही जहर है दुनिया की हवा तेरे लिए रुत बदल डाल अगर फूलना फलना है तुझे उठ मेरी जान मेरे साथ ही चलना है तुझे. (कैफी आजमी)
ये तेरा जर्द रुख ये खुश्क लब ये वहम ये वहशत तू अपने सर से ये बादल हटा लेती तो अच्छा था तेरे माथे पे ये आंचल बहुत ही खूब है लेकिन तू इस आंचल से इक परचम बना लेती तो अच्छा था. (असरार उल हक मजाज)
बनाया है मुसव्विर ने हसीं शहकार औरत को अलग पहचान देता है कहानी-कार औरत को सलाम उन औरतों पर जो कि माएं हैं शहीदों की सलामी पेश करता हूं मैं सौ सौ बार औरत को. (अरशद महमूद अरशद)
ये तेरा जर्द रुख ये खुश्क लब ये वहम ये वहशत तू अपने सर से ये बादल हटा लेती तो अच्छा था तेरे माथे पे ये आंचल बहुत ही खूब है लेकिन तू इस आंचल से इक परचम बना लेती तो अच्छा था. (असरार उल हक मजाज)
हमें ऐ जिंदगी तुझ पर हमेशा रश्क आता है मसाइल से घिरी रहती है फिर भी मुस्कुराती है तभी जाकर कहीं मां बाप को कुछ चैन पड़ता है कि जब ससुराल से घर आ के बेटी मुस्कुराती है. (मुनव्वर राना)
उठा पलकों को जिस ने दिन उगाया था फलक पर उसी की जुल्फ का रातों पे साया हो गया है नजर का एक टुकड़ा छत पे फेंका है किसी ने जिसे पढ़ने में पूरा चांद जाया हो गया है. (कुमार विश्वास)
मैं अंधेरे में हूं मगर मुझमें रोशनी ने जगह बना ली है. ****** रोशनी भी नहीं हवा भी नहीं मां का नेमुल बदल खुदा भी नहीं. (अंजुम सलीमी)