चलो तो सारे जमाने को साथ ले के चलो... पढ़ें योग दिवस पर प्रेरणा देने वाले खास शेर

21 June 2024

By अतुल कुशवाह

आज पूरी दुनिया में योग दिवस मनाया जा रहा है. योग से तन और मन स्वस्थ रहता है. मन का असर तन पर भी पड़ता है तो मन की प्रेरणा बेहद जरूरी है. आपके लिए चुनिंदा शेर, जिनसे मन को प्रेरणा को मिलती है.

योग दिवस पर शायरी

Photo: Pexels

तू शाहीं है परवाज है काम तेरा तेरे सामने आसमां और भी हैं. (अल्लामा इकबाल) हजार बर्क गिरे लाख आंधियां उट्ठें वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं. (साहिर लुधियानवी)

उठो ये मंजरे शब ताब देखने के लिए कि नींद शर्त नहीं ख्वाब देखने के लिए. रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग कम से कम रात का नुकसान बहुत करता है. (इरफान सिद्दीकी)

बारे दुनिया में रहो गम-जदा या शाद रहो ऐसा कुछ करके चलो यां कि बहुत याद रहो. (मीर तक़ी मीर) सात संदूकों में भर कर दफ्न कर दो नफरतें आज इंसां को मोहब्बत की जरूरत है बहुत. (बशीर बद्र)

तेरे माथे पे ये आंचल बहुत ही खूब है लेकिन तू इस आंचल से इक परचम बना लेती तो अच्छा था. (इसरार उल हक मजाज) तीर खाने की हवस है तो जिगर पैदा कर सरफरोशी की तमन्ना है तो सर पैदा कर. (अमीर मीनाई)

गुमशुदगी ही अस्ल में यारों राहनुमाई करती है राह दिखाने वाले पहले बरसों राह भटकते हैं. चले चलिए कि चलना ही दलीले कामरानी है जो थककर बैठ जाते हैं वो मंजिल पा नहीं सकते. (हफीज बनारसी)

चाहिए खुद पे यकीने कामिल हौसला किसका बढ़ाता है कोई. (शकील बदायूंनी) अपना जमाना आप बनाते हैं अहले दिल हम वो नहीं कि जिन को जमाना बना गया. (जिगर मुरादाबादी)

हयात ले के चलो काएनात ले के चलो चलो तो सारे जमाने को साथ ले के चलो. (मखदूम मुहिउद्दीन) कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुन फिर इसके बाद थोड़ा मुकद्दर तलाश कर. (निदा फाजली)

देख जिंदां से परे रंगे चमन जोशे बहार रक्स करना है तो फिर पांव की जंजीर न देख. (मजरूह सुल्तानपुरी) प्यासे रहो न दश्त में बारिश के मुंतजिर मारो जमीं पे पांव कि पानी निकल पड़े. (इकबाल साजिद)