17 Sep 2024
By: Aajtak.in
खूबसूरत अभिनेत्री अदिति राव हैदरी ने 400 साल पुराने मंदिर में अभिनेता सिद्धार्थ से शादी रचाई है.
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दोनों की शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिसमें साउथ इंडियन लुक में अदिति राव हैदरी बेहद खूबसूरत दुल्हन लग रही थीं.
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अदिति ने अपनी शादी के दिन डिजाइनर सब्यासाची के गोल्डन लहंगे को चुना. उन्होंने गजरे, बिंदी और गोल्ड जूलरी के साथ अपना लुक पूरा किया.
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उनके ब्राइडल लुक की खासियत यह थी कि उन्होंने भी हाथों और पैरों में मेहंदी के बजाय आलता लगया था.
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अदिति से पहले उनकी को-स्टार और दोस्त सोनाक्षी सिन्हा भी अपनी शादी में आलता लगाए नजर आई थीं.
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इतना ही नहीं, राजकुमार राव की पत्नी पत्रलेखा ने भी हाथों में मेहंदी नहीं लगाई थी. उनके हाथों में भी आलता नजर आया था.
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अब सवाल उठता है कि आलता लगाने का क्या महत्व होता है? इसे दुल्हन क्यों लगाती हैं.
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हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ और त्योहारों पर महिलाएं श्रृंगार करने के दौरान आलता लगाती हैं. शादी-विवाह के दौरान भी आलता लगाना जरूरी होता है.
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किसी शुभ कार्य और पूजा के दौरान आलता लगाना शुभता का प्रतीक माना जाता है.
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आलता लगाना शुभता का प्रतीक माना जाता है. उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार, ओडिशा और बंगाल तक में इसके बिना दुल्हन का श्रृंगार अधूरा माना जाता है.
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आलता 16 श्रृंगार का हिस्सा होता है. ऐसे में सुहागन महिलाओं के लिए आलता लगाना हमारे वेद-पुराणों में जरूरी बताया गया है.
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आलता लगाने से सौभाग्य में वृद्धि होती है इसलिए होने वाली दुल्हन और कन्याओं को यह लगाया जाता है. इसे माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है.
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यूं तो आलता लगाना बहुत शुभ होता है, लेकिन इसे किसी भी दिशा में बैठकर अप्लाई नहीं करना चाहिए. मान्यता के अनुसार, आलता कभी भी दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके नहीं लगाना चाहिए.
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