कल 3 अद्भुत योगों में मनेगी अहोई अष्टमी, पूजन के लिए मिलेगा सिर्फ इतना समय

4 Oct 2023

हर साल अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. 

इस साल अहोई अष्टमी 5 नवंबर यानी कल है. इस बार की अहोई अष्टमी बेहद खास मानी जा रही है. 

दरअसल, अहोई अष्टमी पर रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, पुष्य योग बनने जा रहे हैं. जो लगभग 600 साल बाद बनेंगे. 

अहोई अष्टमी के दिन माताएं अपने पुत्रों की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और तारों की छाव में व्रत का पारण करती हैं. 

अष्टमी तिथि की शुरुआत 5 नवंबर को रात में 12:59 मिनट से होगी और समापन 6 नवबंर को प्रात: 3:18 मिनट पर होगा. पूजन का मुहूर्त शाम 5:33 मिनट से लेकर शाम 6:52 मिनट तक रहेगा. साथ ही तारे दिखने का समय शाम 5:58 मिनट रहेगा. 

अहोई अष्टमी शुभ मुहूर्त

अहोई अष्टमी पर रवि पुष्य योग सुबह 6:36 मिनट से लेकर 10:29 मिनट तक रहेगा. साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा. 

अहोई अष्टमी शुभ योग

अहोई अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. फिर निर्जल व्रत का संकल्प लें. इसके बाद अहोई माता का चित्र घर की साफ दीवार पर बनाएं या उनकी तस्वीर घर में स्थापित करें. 

अहोई अष्टमी पूजन विधि

अहोई माता की पूजा शाम को होती है. ऐसे में शाम के समय उनके सामने घी का दीपक जलाएं और पूरी, हलवे, अन्य मिठाइयां आदि का भोग लगाएं. इसके बाद व्रत कथा पढ़ें. इसके बाद अंत में तारों को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें.

अहोई अष्टमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती को दूध भात का भोग लगाएं. साथ ही इस दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं.   

अहोई अष्टमी उपाय