हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के 9वें दिन अक्षय नवमी मनाई जाती है.
अक्षय नवमी को आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन दान का विशेष महत्व है.
शास्त्रों के अनुसार, आंवला नवमी के दिन आंवला के पेड़ की पूजा की जाती है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी से पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आवंले के पेड़ पर निवास करते हैं.
आंवले के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा में बैठकर पूजन कर उसकी जड़ में दूध देना चाहिए.
मान्यता है कि आंवले के पेड़ की पूजा कर 108 बार परिक्रमा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
अन्य दिनों की तुलना में नवमी पर किया गया दान-पुण्य कई गुना अधिक लाभ दिलाता है.
आंवला नवमी के दिन गरीबों को अपनी इच्छानुसार भोजन या अनाज दान देना चाहिए.
अक्षय नवमी के दिन पितरों के ऊनी वस्त्र व कंबल भी दान किए जाते हैं.
अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ के पास बैठकर परिवार संग भोजन करने से सुख-समृद्धि मिलती है.