साल में लगभग 24 एकादशी आती हैं और हर महीने में 2 एकादशी आती हैं.
जून माह की पहली एकादशी यानी अपरा एकादशी का व्रत 2 जून को रखा जाएगा.
ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी को अपरा एकादशी या अचला एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन श्रीहरि और माता लक्ष्मी की उपासना की जाती है.
इस एकादशी का पालन करने से व्यक्ति को गलतियों की क्षमा मिलती है, झूठ बोलने के पाप और पाखंड से क्षमा मिलती है.
कहते हैं अपरा एकादशी के माता तुलसी की उपासना भी करनी चाहिए और तुलसी से जुड़े उपाय भी करने चाहिए.
अपरा एकादशी के दिन तुलसी की पूजा करते समय दीपक जरूर जलाना चाहिए. साथ ही भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप भी करें.
इसके अलावा अपरा एकादशी के दिन तुलसी की पूजा के दौरान पौधे की 11 बार परिक्रमा करें. इस एक उपाय से परिवार की सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी.
अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से उपासना करें. पूजा के बाद भोग में तुलसी के पत्ते जरूर डालें. इससे भगवान विष्णु आपकी हर मनोकामना पूरी करेंगे.
अपरा एकादशी के दिन माता तुलसी को लाल चुनरी जरूर बांधनी चाहिए. इससे दांपत्य जीवन में आ रही परेशानी दूर हो जाएगी और रिश्तों में मिठास आएगी.