कार्तिक कृष्ण अमावस्या की रात्रि को दीपावली कहा जाता है. इसे महानिशा की रात्रि भी कहते हैं.
इस रात्रि को हर तरह के विशेष प्रयोग सफल होते हैं. खासतौर से धन संबंधी हर प्रयोग सफल होते ही हैं.
आइए जानते हैं कि इस दिन किन महाप्रयोग को करना शुभ माना गया है.
इस दिन लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करें. एक मुख का बड़ा सा घी का दीपक जलाएं. पूर्व दिशा की और मुख करके पूजा की शुरुआत करें.
मंत्र जाप के लिए स्फटिक या रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें.
अगर बहुत कठोर परिश्रम करने पर भी बिलकुल धन नहीं आता है तो दीपावली के मध्य रात्रि को मां लक्ष्मी की पूजा करें.
देवी को गुलाब का इत्र अर्पित करें. अगर गुलाब की माला चढ़ाएं तो और भी उत्तम होगा.
दीपावली की मध्य रात्रि को मां लक्ष्मी के समक्ष बैठें. दो मुखी रुद्राक्ष, सफेद कपड़ा और चांदी का सिक्का लें. देवी को ये वस्तुएं अर्पित करें.
इसके बाद "ॐ ह्रीं नमः" का 11 माला जाप करें. सफेद कपड़े में रुद्राक्ष और चांदी का सिक्का रखकर धन के स्थान पर रख दें. धन भी खूब आएगा और बचत भी कर पाएंगे.
दीपावली की रात मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प और सफेद मिठाई अर्पित करें. श्री सूक्त का 16 बार पाठ करें.
इससे आपकी जिंदगी का उतार-चढ़ाव बंद हो. आपकी जिन्दगी से धन का उतार चढ़ाव दूर होगा.
धन की प्राप्ति एक ही जगह पर रुक गई हो तो दीपावली की रात लक्ष्मी जी के सामने घी के दीपक जलाएं. एक चांदी का सिक्का भी अर्पित करें.
फिर उन्हें उतने गुलाब के पुष्प चढ़ाएं, जितनी आपकी उम्र है. हर फूल के साथ "ॐ हरिप्रियाय नमः" मंत्र का जाप करें.
चांदी के सिक्के को अपने पर्स में रखें धन की रुकावटें कम हो जाएंगी.
रुद्राक्ष और स्फटिक की एक माला बनवाएं. इसमें 54 दाने रुद्राक्ष के और 54 स्फटिक के होने चाहिए. इस माला को दीपावली की रात को मां लक्ष्मी को अर्पित करें.
इसके बाद इसी माला पर निम्न मंत्र का 11 माला जप करें. "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं.
इसके अलावा श्रीं ॐ " मंत्र का जाप करें. फि ये माला धारण कर लें. आपकी दरिद्रता का नाश होगा.