चमत्कारी मंत्रों से कम नहीं रामचरित मानस की ये चौपाई, रोजगार में मिलेगा लाभ

रामचरित मानस अवधी भाषा में लिखी "रामायण" है. गोस्वामी तुलसीदास ने भगवान राम की भक्ति में डूबकर की थी रामचरितमानस की रचना की थी.

ज्योतिष के जानकारों की मानें तो रामचरित मानस के दोहे और पंक्तियों का पाठ करने से वैदिक मंत्रों जैसा प्रभाव होता है.

इंसान की ऐसी कोई कामना नहीं जो रामचरितमानस के पाठ से पूरी ना हो सके. आइए आपको अलग-अलग मनोकामना के लिए इसकी कुछ विशेष पंक्तियां बताते हैं.

बिस्व भरण पोषण कर जोई, ताकर नाम भरत अस होई अर्थ- जो सारे संसार का भरण-पोषण कर रहे हैं, उनका नाम भरत होगा. इस पंक्ति का स्मरण करने से रोजगार में लाभ होता है.

रोजगार के लिए

जपहि नामु जन आरत भारी, मिटाई कुसंकट होई सुखारी अर्थ-  संकट से घबराए हुए भक्त जब नामजप करते हैं तो उनके सारे संकट मिट जाते हैं और वे सुखी हो जाते हैं.

विपत्ति निवारण के लिए

गुरु गृह पढ़न गए रघुराई, अलप काल विद्या सब आयी अर्थ- जो व्यक्ति सच्चे मन से अपने गुरु की शरण में जाता है, वो कम समय में ही सभी तरह की विद्या को प्राप्त करता है.

विद्या प्राप्ति के लिए

सुनु सिय सत्य असीस हमारी, पूजहि मनकामना तुम्हारी हे सीता! हमारी सच्ची आसीस सुनो, तुम्हारी हर मनोकामना पूरी होगी.

विवाह और योग्य वर के लिए

दैहिक, दैविक, भौतिक तापा, राम राज नहीं काहूँ हि व्यापार अर्थ- राम के राज्य में शरीर से जुड़े रोग, दैवीय प्रकोप और भौतिक आपदा का प्रभाव नहीं.

रोग नाश के लिए

कामिहि नारी पियारी जिमी, लोभी प्रिय जिमि दाम| तेहि रघुनाथ निरंतर, प्रिय लागहु मोहि राम|| अर्थ- जैसे कामी को स्त्री प्रिय लगती है और लोभी को जैसे धन प्यारा लगता है, वैसे ही हे राम! आप मुझे प्रिय लगिए॥

ईश्वर की कृपा के लिए