By Aajtak.in
ईद-उल-अजहा इस्लाम धर्म का दूसरा सबसे प्रमुख त्योहार है. ये त्योहार हजरत इब्राहिम की कुर्बानी को याद करते हुए मनाया जाता है.
बकरीद का त्योहार रमजान खत्म होने के 70 दिन बाद आता है. इस साल भारत में बकरीद का त्योहार 29 जून को मनाया जाएगा.
इस दिन मुसलमान मस्जिद में नमाज अदा करते हैं और जानवर की कुर्बानी देते हैं. कुर्बानी के वक्त कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए.
1. जिस जानवर की कुर्बानी दी जाती है, उसकी उम्र 1 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए. कमजोर, बीमार या लंगड़े जानवर की कुर्बानी नहीं देते.
2. कुर्बानी में इस्तेमाल होने वाले हथियार जैसे कि छुरा या चाकू खुले में ना रखें. सार्वजनिक रूप से कुर्बानी करने से बचें.
3. यदि आप किसी वजह से ईद पर कुर्बानी नहीं दे पा रहे हैं तो अगले तीन दिन तक कुर्बानी दी जा सकती है.
4. बकरीद पर दी जाने वाली कुर्बानी गोश्त खाने की नियत से नहीं होनी चाहिए. कुर्बानी सिर्फ सवाब की नियत से ही की जानी चाहिए.
5. इस्लाम में सिर्फ हलाल के तरीके से कमाए हुए पैसों से ही कुर्बानी जायज मानी जाती है. इसमें बकरा, भेड़ या ऊंट की कुर्बानी दी जाती है.