हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है.
इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी, बुधवार को मनाई जाएगी. बसंत पंचमी को श्री पंचमी और ज्ञान पंचमी के नाम से भी जाना जाता है.
मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा के मुख से बसंत पंचमी के दिन ही ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थीं.
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की उपासना जरूर करनी चाहिए, जिसका विशेष महत्व है.
इस दिन पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और पंचमी तिथि का समापन 14 फरवरी को दिन में 12 बजकर 9 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनाई जाएगी.
बसंत पचंमी के दिन इस बार रेवती नक्षत्र, रवि योग, अश्विनी नक्षत्र और शुक्ल योग का निर्माण होने जा रहा है.
इस दिन मां सरस्वती की पूजा में पीले रंग के वस्त्र धारण करें. साथ ही देवी को पीला या केसर रंग का तिलक जरूर अर्पित करें. इसके अलावा मां सरस्वती को नैवेद्य चढ़ाएं.
ओम् ऐं वाग्देव्यै विझहे धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्!! ओम् वद वद वाग्वादिनी स्वाहा।।