24 JAN 2025
aajtak.in
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार बसंत पंचमी 2 फरवरी 2025, रविवार को मनाई जाएगी.
बसंत पंचमी के दिन विद्या और संगीत की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है और पतंग भी उड़ाई जाती है.
बसंत पंचमी को पूरे साल की सबसे शुभ तिथि मानी जाती है. शुभ काल में से एक होने के कारण इसे अबूझ मुहूर्त भी कहते हैं.
बसंत पंचमी में विवाह करना, निर्माण करना और अन्य शुभ काम किए जा सकते हैं. इस समय ज्ञान और विज्ञान दोनों का वरदान मिलता है.
कुंडली में विद्या-बुद्धि का योग नहीं है या शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसको ठीक किया जा सकता है.
इस बार बसंत पंचमी की तिथि की शुरुआत 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगा और तिथि का समापन 3 फरवरी को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर होगा.
बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन मुहूर्त सुबह 7 बजकर 09 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.
साथ ही, बसंत पंचमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग, सिद्ध योग, उत्तरा भाद्रपद योग और रेवती नक्षत्र का संयोग बनेगा.
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और फिर पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण करें. फिर, मां सरस्वती की पूजा करें. पूजा वाली जगह पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर रख दें.
इसके बाद पूजा में पीले फूल, अक्षत, सफेद चंदन, पीली रोली, पीला गुलाल, धूप, दीप आदि अर्पित करें और पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं. फिर मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करें.