महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कुछ उपदेश दिए थे. इसे जीवन का सार भी कहा जाता है.
कहा जाता है कि उन्होंने अर्जुन को माध्यम बनाकर सभी मानव जाति के कल्याण के लिए यह उपदेश दिया था.
एक बार अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण से मनुष्य के विनाश का कारण पूछते हैं. भगवान कृष्ण इसका जवाब पूरा विस्तार से देते हैं.
गीता का उपदेश देते हुए कृष्ण अर्जुन से कहते हैं, 'सामान्य पुरुष, विषय का ध्यान करता है और विषय का ध्यान उसे आसक्त बना देता है.'
कृष्ण कहते हैं, 'इस आसक्ति या लगाव से काम का जन्म होता है. जब काम की पूर्ति नहीं होती है तो क्रोध उत्पन्न होता है.'
भगवान आगे कहते हैं, 'जब क्रोध उत्पन्न होता है तो विषय के प्रति मोह और बढ़ जाता है. जब मोह और बढ़ जाता है तो सोचने की शक्ति भटक जाती है.
श्रीकृष्ण कहते हैं कि जब सोचने की शक्ति भटक जाती है तो बुद्धि का नाश होता है और जब बुद्धि का नाश होता है, तो मनुष्य का सर्वनाश हो जाता है.
गीता के इन उपदेशों को अपनी जिंदगी में शामिल कर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन की सारी मुश्किलों को दूर कर सकता है.