कभी तंगहाल नहीं रहता है ये काम करने वाला, मिलते हैं ये 4 बड़े लाभ

हिंदू धर्म में भंडारा कराने का खास महत्व है. किसी शुभ व मांगलिक कार्य अथवा किसी पर्व पर भंडारा किया जाता है.

भंडारा कराना एक तरह से दान ही माना जाता है. भंडारा कराने के व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं. 

मान्यताओं के अनुसार, धार्मिक अनुष्ठान के बाद भंडारा करने से जो पूजा की गई है, वह सफल मानी जाती है.

भंडारा करने से इंसान को पुण्य की प्राप्ति होती है. आदमी हमेशा खुशहाल रहता है. परेशानियां नहीं आती हैं. 

भंडारा करने से मां अन्नपू्र्णा की कृपा प्राप्त होती है. उस जातक का अन्न भंडार हमेशा भरा रहता है.

मान्यता है कि भंडारा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. जातक को कभी धन की कमी नहीं होती है. 

पौराणिक कथा के अनुसार, जब विदर्भ के राजा स्वेत परलोक पहुंचे तो उन्हें तेज भूख लगने लगी लेकिन उन्हें खाने को कुछ नहीं मिला. उन्होंने किसी से भोजन मांगा तो मदद नहीं मिली. 

जब राजा स्वेत की आत्मा ने ब्रह्मदेव से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि राजा रहते हुए भी आपने जीवन में कभी भी अन्न दान नहीं किया है. इसी वजह से परलोक में भोजन नहीं मिलेगा.

मान्यता है कि ब्रह्मदेव से पूछने के बाद राजा ने आने वाली नई पीढ़ी को सपने में आकर अन्न का दान करने के लिए कहा. इसी के बाद से भंडारे करने की प्रथा की शुरुआत हो गई.