वृंदावन में प्रवचन करने वाले प्रेमानंद महाराज लोगों को भजन व कथा मार्ग के द्वारा मोक्ष प्राप्ति का रास्ता बताते हैं.
प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में बताया है कि इंसान को भंडारा और मुफ्त में खाना चाहिए या नहीं.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं, "अगर दूसरे से पैसा ले रहे हो, दूसरे का भोजन खा रहे हो. मेहनत नहीं कर रहे हो तो सारा धार्मिक लाभ दूसरे को मिलेगा.
वो कहते हैं, "अगर आप गृहस्थ भेष में हो तो इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है. अगर आप विरक्त भेष में हैं तो अलग बात है.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं, "घर में नमक रोटी खा लेना चाहिए, उपवास कर लेना चाहिए. लेकिन भंडारे का खाना नहीं खाना चाहिए.
कोई दूध बांट रहा है, कोई हलवा बांट रहा है. बांटने वाला तो यही कहेगा कि प्रसाद है ले लीजिए. लेकिन आप बाबा नहीं हैं. आप विरक्त नहीं हैं. इसलिए खाने की जरूरत नहीं है.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं, "यह सोचना चाहिए कि हम भी कमाएंगे और 5 किलो हलवा बनवाकर बांटेंगे. अपनी मेहनत से खाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं, 'अगर आप गृहस्थ हैं और कहीं तीर्थ पर जा रहे हैं तो किसी का मुफ्त में नहीं खाएं. अगर किसी आश्रम में भोजन करते हैं तो अनुमान लगाकर रुपया जरूर दें.'