शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त को दिन का सबसे अच्छा समय माना गया है. ब्रह्म मुहूर्त धार्मिक, आध्यात्मिक और मानसिक नजरियों से उत्तम होता है.
ज्योतिषविदों की मानें तो सुबह 4 बजे लेकर सुबह 5.30 बजे के बीच का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है.
ब्रह्म मुहूर्त को दिन का सबसे शुभ समय माना जाता है. लेकिन इस अबूझ मुहूर्त में कुछ कार्य वर्जित माने जाते हैं.
1. ब्रह्म मुहूर्त में कोई भी नकारात्मक विचार या ख्याल मन-मस्तिष्क में नहीं लेकर आना चाहिए. इससे व्यक्ति पूरे दिन तनाव में रहता है.
2. कुछ लोग तड़के सुबह उठते ही चाय-नाश्ता करने की आदत बना लेते हैं. जबकि ब्रह्म मुहूर्त में भोजन करना वर्जित माना गया है.
3. ब्रह्म मुहूर्त में कभी किसी व्यक्ति का अनादर न करें. इस वक्त क्रोध में आकर किसी के साथ दुर्व्यवहार करने की गलती से बचें.
4. इस शुभ मुहूर्त पर प्रणय संबंध बनाने से भी बचना चाहिए. बेहतर होगा कि इस समय आंख खुलते ही आप ईश्वर की भक्ति करें.
ब्रह्म मुहूर्त में अपनी हथेलियां देखकर 'ॐ कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती। करमूले तु गोविन्द प्रभाते कर दर्शनम्॥' मंत्र का जाप करें.