इस साल बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार गुरुवार, 23 मई को मनाया जाएगा. हिंदू धर्म में बुद्ध पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है.
ज्योतिविद कहते हैं कि बुद्ध पूर्णिमा पर कुछ खास चीजों का दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और जातक के जीवन में खुशहाली आती है.
ऐसी मान्यताएं हैं कि बुद्ध पूर्णिमा पर पंखा, जल से भरा मिट्टी का घड़ा, चप्पल, छतरी, अनाज या फल का दान करने से पितृगण प्रसन्न होते हैं.
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बुद्ध पूर्णिमा पर विष्णु पूजन के बाद पानी से भरा घड़ा और पकवान आदि का दान करना चाहिए. कहते हैं कि इस दिन मिट्टी के घड़े का दान गौदान के समान होता है.
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इस दिन पीले वस्त्रों का दान, मौसमी फलों का दान और तपती गर्मी में प्यासों को पानी पिलाने से भी बहुत पुण्य मिलता है. ऐसे लोगों पर हमेशा पितरों की कृपा रहती है.
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दान-पुण्य के कार्य से पहले श्रीहरि भगवान विष्णु को तुलसी दल और मिठाई का भोग जरूर लगाएं. शिवलिंग के पास दीपक जलाकर 'ऊँ नम: शिवाय' मंत्र का जप करें.
इस साल वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा पर स्नान-दान का समय गुरुवार, 23 मई को सुबह 4 बजकर 04 मिनट से सुबह 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा.
बुद्ध पूर्णिमा पर किसी पवित्र नदी में स्नान करें. जल में काले तिल मिलाकर पितरों को अर्पित करें. ऐसा करने से कलह और अशांति दूर होती है. इस दिन चंद्रदेव को अर्घ्य जरूर दें.
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