देवी मां के पावन दिनों का पर्व चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू होने जा रहे हैं. 30 मार्च को इसका समापन होगा.
आइए जानते हैं कि मां दुर्गा के इन 9 रूपों की क्या महिमा है.
ये नवदुर्गाओं का प्रथम रूप हैं. इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं. इनके दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है.
ये नवदुर्गाओं का दूसरा रूप हैं. ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप का आचरण करने वाली है.
मां दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है. इनके मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्र है. इनके दस हाथ हैं जिनमें वह अस्त्र-शस्त्र लिए हैं.
मां दुर्गा के चौथी शक्ति का नाम माता कुष्माण्डा है. इनकी आठ भुजाएं हैं. जिससे ये पूरे ब्रह्मांड को आशीर्वाद प्रदान करती हैं.
मां दुर्गा की पांचवी शक्ति माता स्कंदमाता है. स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से जाना जाता है. इनका वाहन सिंह है.
मां दुर्गा के छठे स्वरूप का नाम माता कात्यायनी है. इनकी उपासना से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है.
मां दुर्गा के सातवें रूप का नाम माता कालरात्रि है. मां कालरात्रि की पूजा करने से ब्रह्मांड की सारी सिद्धियों के दरवाजे खुल जाते हैं और सभी असुरी शक्तियों का नाश होता है.
मां दुर्गा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है. इनकी आयु आठ साल की मानी गई है.
नवरात्रि पूजन के नौवें दिन देवी सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है. इनकी विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वालों को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है.