चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च को हुई थी. नवरात्रि के अष्टमी और नवमी सबसे खास दिन माने जाते हैं.
29 मार्च, बुधवार को महाअष्टमी है और 30 मार्च को महानवमी है. आइए आपको नवरात्रि की महाअष्टमी का शुभ मुहूर्त और नियम बताते हैं.
इस बार महाअष्टमी 29 मार्च बुधवार को है. महाअष्टमी की तिथि 28 मार्च को रात 07 बजकर 02 मिनट से 29 मार्च को रात 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगी.
29 मार्च को भद्रा काल सुबह 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 08 बजकर 01 मिनट तक रहेगा, इसके बाद कन्या पूजन किया जा सकता है.
महाअष्टमी के दिन चार भुजाओं वाली देवी महागौरी का पूजन किया जाता है. महा अष्टमी पर पीले वस्त्र धारण करके पूजा करें.
मां को रोली, अक्षत और पुष्प अर्पित करें. इस दिन देवी को लाल चुनरी में सिक्का और बताशे रखकर जरूर चढ़ाएं.
देवी को नारियल या नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाएं. मंत्रों का जाप करें और अंत में मां महागौरी की आरती करें.
महाअष्टमी पर कन्या पूजन भी किया जाता है. इसमें नौ कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर पूजा जाता है.
सबसे पहले एक बर्तन में कन्याओं के चरण धोएं. फिर माथे पर रोली और हाथ में कलावा बांधे.
इसके बाद कन्याओं को हलवा और काले चले का भोग लगाएं. अंत में कन्याओं के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें.