हिंदू धर्म में नारियल को बड़ा ही शुभ माना जाता है, इसलिए मंदिर में नारियल चढ़ाया जाता है.
नारियल को लक्ष्मी का स्वरूप समझा जाता है, इसलिए इसे श्रीफल कहा जाता है.
आइए ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय जी से जानते हैं कि नवरात्रि की पूजा में नारियल का महत्व क्या है और इससे जुड़े क्या उपाय हैं.
नवरात्रि में नारियल का प्रयोग प्रतीकात्मक बलि के रूप में भी किया जाता है. पूजा वाले नारियल का रंग भूरा होना चाहिए.
नारियल का जल, गिरी, खोल तीनों ही पूजा में अलग तरीके से काम में लिए जाते हैं.
नारियल के चारों तरफ एक रक्षासूत्र बांध लें और इसको मां दुर्गा के चरणों में अर्पित कर दें. नवरात्रि खत्म हो जाने पर नारियल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें.
नारियल को अपनी गोद में रखकर देवी के सामने बैठें. इसके बाद मां दुर्गा के विशेष मंत्रों का 108 बार जप करें.
इसके बाद देवी से ग्रह शांति की प्रार्थना करें. अगले दिन सुबह इस नारियल को जल में प्रवाहित करें.
पति-पत्नि एक साथ देवी को नारियल अर्पित करें और संतान प्राप्ति के लिए उनसे प्रार्थना करें.
नारियल को ऊपर से ढक्कन की तरह काट लें और उसके अंदर चीनी डाल लें. उसके बाद उसे पेड़ के नीचे दबा दें, इससे नकारात्मकता दूर रहेगी.