नवरात्रि की आज से शुरुआत हो चुकी है. नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा करने का विधान है. आइए जानते हैं मां दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिर कौन से हैं.
श्रीसंगी कलिका मंदिर काली मां को समर्पित है और यह कर्नाटक के बेलगाम में स्थित है. यहां मां दुर्गा के काली रूप की पूजा की जाती है.
नैनी झील के उत्त्तरी किनारे पर नैना देवी मंदिर स्थित है. यहां माता सती के दो गिरे थे, जिनकी पूजा की जाती है.
श्री महालक्ष्मी मंदिर विभिन्न शक्ति पीठों में से एक है और महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित है. भगवान विष्णु की पत्नी होने के नाते इस मंदिर का नाम माता महालक्ष्मी पड़ा.
मां करणी देवी का मंदिर राजस्थान में स्थित है. इसे चूहे वाले मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.
माता के सभी शक्तिपीठों में से कामाख्या शक्तिपीठ को सर्वोत्तम कहा जाता है. यहां माता का योनि भाग गिरा था.
मां ज्वाला देवी तीर्थ स्थल को देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, ज्वाला देवी में सती की जिह्वा गिरी थी.
यह मंदिर रामनगर में स्थित है. माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक बंगाली महारानी ने 18 वीं सदी में करवाया था. मान्यता के अनुसार, यहां माता की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी.
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में स्थित है दंतेश्वरी मंदिर. ऐसी मान्यता है कि यहां सती का दांत गिरा था, जिसके कारण जगह का नाम दंतेश्वरी पड़ा.
कोलकाता का मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर यहां के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. ऐसी मान्यता है कि महारानी रासमणि के स्वप्न में आकर माता ने मंदिर के निर्माण का आदेश दिया था.
यह मंदिर गुजरात-राजस्थान सीमा पर स्थित है. मंदिर में कोई प्रतिमा स्थापित नहीं है. यहां मां का एक श्री-यंत्र स्थापित है. ऐसी मान्यता है कि इस श्री-यंत्र में मां अंबे विराजी हैं.