मां दुर्गा को समर्पित चैत्र नवरात्रि मंगलवार, 9 अप्रैल से शुरू होने जा रहे हैं. चैत्र नवरात्रि का समापन बुधवार, 17 अप्रैल को महानवमी के साथ होगा.
चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना के साथ होता है, जिसे कलश स्थापना भी कहते हैं. घटस्थापना शुभ मुहूर्त में करने से उत्तम परिणाम मिलते हैं.
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हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल घटस्थापना के लिए काफी समय मिल रहा है. लेकिन इसमें 50 मिनट का मुहूर्त सबसे उत्तम माना जा रहा है.
इस साल चैत्र नवरात्रि की घटस्थापना 9 अप्रैल को सुबह 6.05 बजे से 10.16 बजे के बीच की जा सकेगी. यह अवधि 4 घंटे 11 मिनट की होगी.
हालांकि नवरात्रि की घटस्थापना अभिजित मुहूर्त सबसे शुभ मानी गई है. और इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11.57 बजे से दोपहर 12.47 (50 मिनट) बजे तक रहेगा.
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घटस्थापना के लिए एक कलश में गंगाजल, सिक्का, रोली और दूर्वा, डालकर उसे स्थापित करें. कलश पर आम के पत्ते बाधें. फिर ऊपर से कलावा बंधा एक नारियर रखें.
नवरात्रि में सबसे पहले शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जाती है. फिर देवी-देवताओं के आवाहन किया जाता है. इसके बाद ही नवरात्र व्रत का संकल्प लिया जाता है.
इसके लिए सबसे पहले एक कलश में गंगाजल, सुपारी, दूर्वा घास, अक्षत और सिक्का डालें. फिर उसके मुख पर अशोक के पत्ते बांध दें.
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एक नारियल पर लाल चुनरी और कलावा लपेटने के बाद उसे कलेश के मुख पर रख दें. इस कलश को देवी की चौकी के पास पूरे 9 दिन तक रखा रहने दें.